पाठ 1 बातचीत बालकृष्ण, पाठ का सारांश, हिंदी 12वीं के लिए, objective or subjective question answer (मंजिल को पाने के लिए रास्ते नहीं, तरीके बदलिए।)By SUJEET SIR,9709622037, ARARIA, BIHAR.
पाठ-1 बातचीत
बालकृष्ण भट्ट
पाठ का सारांश
प्रस्तुत कहानी बातचीत के लेखक महान पत्रकार बालकृष्ण भट्ट है। बालकृष्ण भट्ट का आधुनिक हिंदी गद्य के निर्माताओं में नाम आता है। बालकृष्ण भट्ट जी बातचीत निबंध के माध्यम से मनुष्य की ईश्वर द्वारा दी गई अनमोल वस्तु वाकशक्ति का सही इस्तेमाल करने को बताते हैं। महान लेखक बताते हैं कि यदि मनुष्य में वाकशक्ति ना होती तो हम नहीं जानते कि इस गूंगी सृष्टि का क्या हाल होता।
सब लोग मानो लुंज-पुंज अवस्था में एक कोने में बैठा दिए गए होते। लेखक बातचीत के विभिन्न तरीके भी बताते हैं। जैसे घरेलू बातचीत मन रमाने का ढंग है। वे बताते हैं कि जहां आदमी की अपनी जिंदगी मजेदार बनाने के लिए खाने-पीने चलने फिरने आदि की जरूरत है उसी प्रकार बातचीत की भी अत्यंत आवश्यकता है। हमारे मन में जो कुछ गंदगी या धुआ जमा रहता है वह बातचीत के जरिए भाप बनकर हमारे मन से बाहर निकल पड़ता है। इससे हमारा चित्त हल्का और स्वच्छ हो जाता है। हमारे जीवन में बातचीत का भी एक खास तरह का मजा होता है। यही नहीं भट्ट जी बताते हैं कि जब मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण दोष प्रकट होता है।
महान विद्वान वेन जॉनसन का कहना है कि बोलने से ही मनुष्य के रूप का सही साक्षात्कार हो पाता है। वे कहते हैं कि चार से अधिक की बातचीत तो केवल राम रामौवल कह लाएगी। यूरोप के लोग को बातचीत का हुनर है जिसे आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन कहते हैं। बालकृष्ण भट्ट उत्तम तरीका यह मानते हैं कि हम वह शक्ति पैदा करें कि अपने आप बात कर लिया करो।
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1.बातचीत शीर्षक निबंध के निबंधकार.............है।
a) बालकृष्ण भट्ट
b) भगत सिंह
c) मोहन राकेश
d) उदय प्रकाश
2. बालकृष्ण भट्ट किस युग के रचनाकार हैं?
a) आधुनिक युग
b) भारतेंदु युग
c) मध्यकालीन युग
d) भक्तिकाल युग
3. "सौ अजान एक सुजान" उपन्यास के लेखक कौन हैं?
a) रामधारी सिंह दिनकर
b) बालकृष्ण भट्ट
C) जय प्रकाश नारायण
d) ओम प्रकाश
4. आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन कहां के लोगों में सर्वाधिक प्रचलित है?
a) यूरोप के
b) भारत के
C) एशिया के
d) इंग्लैंड
5. बालकृष्ण भट्ट ने किस पत्रिका का संपादन किया
a. प्रदीप
b) गुप्त वैरी
C. सो अजान एक सुजान
d) यात्रा
6. बातचीत के माध्यम से बाल कृष्ण भट्ट क्या बताना चाहते हैं?
a. बातचीत की शैली
b) अच्छाई
C. बुराई
d) पढने की शैली
7. निम्नलिखित में से बाल कृष्ण भट्ट का निवास स्थान कौन सा था ?
a) इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
c) गाजीपुर उत्तर प्रदेश
b) फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश
d) गया बिहार
8. बालकृष्ण भट्ट एंट्रेंस परीक्षा कब उतीर्ण की थी?
a)1867
c)1870
b)1872
d)1854
9. बालकृष्ण भट्ट द्वारा कौन सा उपन्यास रचित है?
a जैसा काम वैसा परिणाम
b) हमारी घडी
c) नई रोशनी का विष
d. सीता बनवास
10. बालकृष्ण भट्ट के पिता कौन थे?
a) बेनी प्रसाद भट्ट
b . रामप्रसाद भट्ट
c) शिव प्रसाद भट्ट
d . गौरी शकर
_________subjective question answer_______
.1. अगर हम में वाकशक्ति न होती तो क्या होता ?
उत्तर- अगर हममें वाकशक्ति न होती तो यह समस्त सृष्टि गूंगी प्रतीत होती । सभी लोग चुपचाप बैठे रहते और हम जो बोलकर एक दूसरे के सुख दुख का अनुभव करते हैं वह शक्ति न होने के कारण एक दूसरे से कह सुन कर पाते। और नहीं अनुभव
2. बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन और एडिशन के क्या विचार हैं ?
उत्तर- बातचीत के संबंध में वेन जॉनसन का राय है कि बोलने से ही मनुष्य के सही रूप का पता चल पाता है। अगर मनुष्य चुप चाप रहे तो उसके गुण दोष का कभी पता नहीं चल पायेगा । एडिशन का राय है कि असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है । जिसका तात्पर्य हुआ जब दो आदमी होते हैं तभी अपना दिल एक दूसरे के सामने खोलते हैं जब तीन हुए तब वह दो बार कोसों दूर गई ।
3. 'आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन' क्या है ?
उत्तर- आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन बातचीत करने की एक कला है जो यूरोप के लोगों में ज्यादा प्रचलित है। इस बातचीत कला में ऐसी चतुराई के साथ प्रसंग छोड़े जाते हैं कि जिन्हें सुनकर कान को अत्यंत सुख मिलता है। साथ ही इस का अन्य नाम शुद्ध कोष्टि है।
4. मनुष्य की बातचीत का उत्तम तरीका क्या हो सकता है? इसके द्वारा वह कैसे अपने लिए सर्वथा नवीन संसार की रचना कर सकता है ?
उत्तर- मनुष्य में बातचीत का सबसे उत्तम तरीका उसका आत्मवार्तालाप है। मनुष्य अपने अंदर ऐसी शक्ति विकसित करें जिसके कारण वह अपने आप से बात कर लिया करें । आत्मा वार्तालाप से तात्पर्य क्रोध पर नियंत्रण जिसके कारण अन्य किसी व्यक्ति को कष्ट न पहुंचे । क्युकी हमारी भीतरी मनोवृति नए नए रंग दिखाया करती है। वह हमेशा बदलती रहती है। इन्सान को चाहिए की अपनी जिह्वा को काबू में रखकर
मधुरता से भरी वाणी बोले। जिससे न किसी से कटुता रहेगी न बैर | इससे दुनिया खुबसूरत हो जाएगी | बातचीत का यही सबसे उत्तम तरीका है।
5. व्याख्या करें
a) हमारी भीतरी मनोवृति नए नए रंग दिखाती है। वह प्रपंचात्मक संसार का एक बड़ा भारी आईना है, जिसमें जैसी चाहो वैसी सूरत देख लेना कोई दुर्घट बात नहीं है।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियां विद्वान लेखक बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित बातचीत शीर्षक निबंध से लिया गया है। इन पंक्तियों में लेखक ने लिखा है कि जब मनुष्य समाज में रहता है तो समाज से ही भाषा सीखता है। भाषा उसके विचार अभिव्यक्ति का माध्यम बन जाती है। परंतु उसके अंदर की मनोवृति स्थिर नहीं रहती है। कहा भी गया है कि चित बड़ा चंचल होता है। इसकी चंचलता के कारण एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को दोस्त और दुश्मन मान लेता है। वह कभी क्रोध कर बैठता है कभी कभी मीठी बातें करता है । इस स्थिति में मनुष्य की असली चरित का पता नहीं चलता मनुष्य के मन की स्थिति गिरगिट के रंगजैसे बदलती रहती है। इस स्थिति के कारण लेखक इस मन के प्रपंचों को जड़ मानते हैं। वह कहता है कि यह आईना के समान है। इस संसार में छल-कपट झूठ फरेब सब होते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण मन की चंचलता है। विद्वान लेखक इस स्थिति से बचने की सलाह भी देते हैं कि अपने मन पर नियंत्रण रखना होगा।
b) सच है जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण दोष नहीं होता
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियां विद्वान लेखक बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित बातचीत शीर्षक निबंध से लिया गया है। निबंध के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि बातचीत ही एक विशेष तरीका होता है जिसके कारण मनुष्य आपस में प्रेम से बातें कर उसका आनंद उठाते हैं। परंतु मनुष्य जब वाचाल हो जाता है अथवा बातचीत के दौरान अपने आप पर काबू नहीं रख पाता है तो वह दोष है परंतु जब वह बड़ी संजीदगी से सलीके से बातचीत करता है तो वह गुण है। मनुष्य के चुप रहने के कारण उसके चरित्र का कुछ पता नहीं चलता परंतु वह जैसे ही कुछ बोलता है तो उसकी वाणी के माध्यम से गुण दोष प्रकट होने लगता है ।
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