बारदौली सत्याग्रह (1928), सरदार पटेल (अपनी राष्ट्रीय पहचान की उपेक्षा भारत की समस्याएं का भूलभूत कारण है।)By SUJEET SIR,9709622037,8340763695,ARARIA, BIHAR.
📘 #बारदौली सत्याग्रह (1928)
🟢 #पृष्ठभूमि
स्थान → बारदौली तालुका, सूरत (गुजरात)
वर्ष → 1928 ई.
कारण → सरकार ने 22% भूमिकर (लगान) वृद्धि की, जबकि क्षेत्र अकाल और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित था।
---
🟢 #नेतृत्व
किसानों के आग्रह पर सरदार वल्लभभाई पटेल ने नेतृत्व किया।
किसानों से कहा – “अन्यायपूर्ण कर न दें।”
आंदोलन पूर्णतः सत्याग्रह और अहिंसा पर आधारित था।
---
🟢 #आंदोलन
किसानों ने कर न देने का निर्णय लिया।
सरकार ने भूमि जब्त की और दमनकारी नीतियाँ अपनाईं।
बावजूद इसके आंदोलन अहिंसक रहा।
---
🟢 #परिणाम
सरकार ने कर वृद्धि वापस ली।
जब्त की गई जमीन किसानों को लौटा दी गई।
वल्लभभाई पटेल को उपाधि मिली → “सरदार”
उनकी छवि बनी → “किसानों के मसीहा”
---
🟢 #महत्व
किसान आंदोलनों के इतिहास में मील का पत्थर।
स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा मिली।
गांधीजी की अहिंसात्मक नीति की सफलता सिद्ध हुई।
---
👉 #की-वर्ड्स याद रखें:
बारदौली – 1928 – गुजरात – 22% कर वृद्धि – सरदार पटेल – सत्याग्रह – कर माफी – “सरदार” उपाधि।
.............By SUJEET SIR......................short notes......
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें