इतिहास का परिचय (मंजिले उन्हें मिलती है ,जिनके सपनों में जान होती है पंख से कुछ नहीं होता है , हौसलों में उड़ान होती है।) By SUJEET SIR,9709622037, ARARIA, BIHAR.
..................इतिहास ...........
इतिहास एक ऐसा विषय है जो हमें बताता है कि हम कहाँ से आए हैं और आज हम कौन हैं। यह पिछली घटनाओं, लोगों और समाजों का अध्ययन है।
क्यों पढ़ें इतिहास?
* अतीत से सीखना: इतिहास हमें पिछली गलतियों से सीखने और भविष्य को बेहतर बनाने में मदद करता है।
* विश्वदृष्टि का विस्तार: इतिहास हमें विभिन्न संस्कृतियों, विचारों और जीवन शैली के बारे में समझने में मदद करता है।
* समाज को समझना: इतिहास हमें वर्तमान समाज की संरचना और विकास को समझने में मदद करता है।
इतिहास के कुछ महत्वपूर्ण पहलू:
* प्राचीन इतिहास: मानव सभ्यता के शुरुआती दिनों से लेकर प्राचीन सभ्यताओं जैसे मिस्र, रोम और भारत का इतिहास।
* मध्यकालीन इतिहास: यूरोप में मध्य युग, भारत में मुगल काल और अन्य क्षेत्रों के मध्यकालीन इतिहास।
* आधुनिक इतिहास: औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध और स्वतंत्रता संग्राम जैसे महत्वपूर्ण घटनाओं का इतिहास।
* भारतीय इतिहास: सिंधु घाटी सभता से लेकर आज तक का भारत का इतिहास।
क्या आप किसी खास इतिहासिक काल या घटना के बारे में जानना चाहते हैं?
यहां कुछ उदाहरण हैं:
* प्राचीन भारत: सिंधु घाटी सभ्यता, वैदिक काल, मौर्य साम्राज्य
* मध्यकालीन भारत: मुगल काल, विजयनगर साम्राज्य
* आधुनिक भारत: भारत का स्वतंत्रता संग्राम, भारत का विभाजन
आप किस विषय में अधिक जानना चाहते हैं?
मुझे बताएं और मैं आपको अधिक जानकारी देने की कोशिश करूंगा।
यहां कुछ संभावित सवाल हैं जो आप पूछ सकते हैं:
* भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता कौन थे?
* मुगल काल में भारत की राजधानी कहाँ थी?
* सिंधु घाटी सभ्यता के लोग किस तरह के घरों में रहते थे?
* द्वितीय विश्व युद्ध के कारण क्या थे?
इतिहास के स्रोत:
इतिहास को जानने के लिए हम विभिन्न स्रोतों का सहारा लेते हैं। ये स्रोत हमें अतीत की घटनाओं, लोगों और समाज के बारे में जानकारी देते हैं। आइए इन स्रोतों के बारे में विस्तार से जानें:
1. लिखित स्रोत:
ये सबसे आम स्रोत हैं जिनमें किताबें, पत्रिकाएं, समाचार पत्र, शिलालेख, अभिलेख, डायरी, पत्र आदि शामिल हैं।
* शिलालेख: ये पत्थर या धातु की प्लेटों पर उत्कीर्ण लेख होते हैं। अशोक के शिलालेख इतिहास के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।
* अभिलेख: ये राजाओं या प्रशासकों द्वारा जारी आधिकारिक दस्तावेज होते हैं।
* साहित्य: महाकाव्य, उपन्यास, कविता आदि साहित्यिक रचनाएं भी इतिहास के बारे में जानकारी देती हैं।
2. पुरातात्विक स्रोत:
ये स्रोत हमें भौतिक साक्ष्यों के माध्यम से अतीत के बारे में बताते हैं। इनमें खंडहर, मूर्तियां, सिक्के, औजार, बर्तन आदि शामिल हैं।
* खंडहर: हड़प्पा और मोहनजोदड़ो के खंडहर हमें प्राचीन भारत की सभ्यता के बारे में बताते हैं।
* मूर्तियां: मूर्तियां हमें उस समय के लोगों की कला और धर्म के बारे में बताती हैं।
* सिक्के: सिक्के हमें राजाओं, राजवंशों और आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं।
3. वास्तविक स्रोत:
ये स्रोत हमें प्रत्यक्ष रूप से अतीत के बारे में बताते हैं। इनमें इमारतें, मंदिर, किले, स्मारक आदि शामिल हैं।
* ताजमहल: ताजमहल मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
* कुतुब मीनार: कुतुब मीनार दिल्ली सल्तनत का एक महत्वपूर्ण स्मारक है।
4. मुखबिर:
ये व्यक्ति होते हैं जिन्होंने किसी ऐतिहासिक घटना को प्रत्यक्ष रूप से देखा हो या जिनके पास उस घटना के बारे में जानकारी हो।
5. दृश्य-श्रव्य स्रोत:
ये स्रोत हमें चित्रों, फिल्मों, वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से अतीत के बारे में बताते हैं।
इतिहास के स्रोतों का मूल्यांकन
किसी भी स्रोत पर विश्वास करने से पहले हमें उसका मूल्यांकन करना चाहिए। हमें यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि स्रोत कितना विश्वसनीय है, इसे किसने लिखा है, कब लिखा गया है और किस उद्देश्य से लिखा गया है।
इतिहास के स्रोतों का महत्व
इतिहास के स्रोत हमें अतीत को समझने और वर्तमान में बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं। ये हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता और विरासत से जोड़ते हैं।
* प्राचीन भारत के स्रोत
* मध्यकालीन भारत के स्रोत
* आधुनिक भारत के स्रोत
* विश्व इतिहास के स्रोत
काल के आधार पर इतिहास:
इतिहास को समय की विभिन्न अवधियों में विभाजित करने से हमें मानव सभ्यता के विकास और परिवर्तन को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। समय के आधार पर इतिहास को विभिन्न कालों में विभाजित किया जाता है, जैसे:
* प्रागैतिहासिक काल: यह वह काल है जिसके कोई लिखित साक्ष्य नहीं हैं। इस काल को पुरापाषाण, मध्यपाषाण और नवपाषाण काल में बांटा जाता है।
* आद्य ऐतिहासिक काल: इस काल में लिखित साक्ष्य तो मिलते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ा नहीं जा सका है।
* ऐतिहासिक काल: इस काल में लिखित साक्ष्य मिलते हैं जिन्हें पढ़ा जा सकता है। इसे प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक काल में बांटा जाता है।
विभिन्न कालों के बारे में विस्तृत जानकारी
प्रागैतिहासिक काल:
* पुरापाषाण काल: मानव ने पत्थर के औजारों का उपयोग करना सीखा। वे शिकारी और संग्राहक थे।
* मध्यपाषाण काल: मानव ने पत्थर के औजारों को अधिक परिष्कृत किया। उन्होंने गुफाओं में रहना शुरू किया।
* नवपाषाण काल: कृषि का विकास हुआ, मानव स्थायी बस्तियां बनाने लगे।
आद्य ऐतिहासिक काल:
* सिंधु घाटी सभ्यता इस काल का एक प्रमुख उदाहरण है।
ऐतिहासिक काल:
* प्राचीन काल: मिस्र, मेसोपोटामिया, भारत, चीन जैसी सभ्यताओं का उदय हुआ।
* मध्यकालीन काल: यूरोप में मध्यकालीन युग, भारत में मुगल काल आदि।
* आधुनिक काल: औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, शीत युद्ध आदि प्रमुख घटनाएं।
काल विभाजन का महत्व
* समय की धारणा: यह हमें समय की धारणा विकसित करने में मदद करता है।
* तुलनात्मक अध्ययन: विभिन्न कालों की तुलना करके हम परिवर्तन और विकास को समझ सकते हैं।
* कारण और प्रभाव: ऐतिहासिक घटनाओं के कारण और प्रभाव को समझने में मदद मिलती है।
अन्य प्रकार का काल विभाजन:
* सभ्यता के आधार पर: भारतीय इतिहास, यूरोपीय इतिहास आदि।
* शासक के आधार पर: मुगल काल, गुप्त काल आदि।
* साहित्य के आधार पर: वैदिक काल, भक्ति काल आदि।
निष्कर्ष:
काल के आधार पर इतिहास को विभाजित करना इतिहास अध्ययन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह हमें मानव सभ्यता के विकास और परिवर्तन को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।