षष्ठ: पाठ: , समुद्रतट: ,class 06(सत्यं ब्रूयात प्रियं ब्रूयात न ब्रूयात सत्यं प्रियम। प्रियं च नानृतं ब्रूयात एष धर्म: सनातन)By SUJEET SIR,9709622037.
== भारत के उत्तर में जम्मू कश्मीर से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से लेकर पश्चिम में गुजरात तक व्यात है।
भारत के तीनों दिशाओं समुद्र से घिरे हुए हैं पूर्व अरब सागर, दक्षिण में हिंद महासागर तथा पश्चिम में बंगाल की खाड़ी मौजूद है।
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यह समुद्र के तट हैं। यहां लोग घूमनेके लिए आते हैं। कुछ लोग लहरों से खेलते हैं और कुछ लोग नाव से जल में भ्रमण करते हैं। उन लोगों में कुछ लोग गेंद से खेलते हैं। लड़कियां और लड़के बालू से बालू का घर बनाते हैं। बीच में बीच लहरे बालू के घर को बहाकर कर ले जाते हैं। यह खेल चलता ही रहता है। समुद्र तट केवल पर्यटन के स्थान नहीं है। यहां पर मछुआरे अपने जीविका चलाते हैं।
हमारा देश मैं बहुत समुद्र तट है। उन सब में मुंबई, गोवा, कोच्चि, कन्याकुमारी ,विशाखापट्टनम और पुरी समुद्र तट बहुत प्रसिद्ध है। गोवा समुद्र तट विदेशियों पर्यटक बहुत पसंद करते हैं। विशाखापट्टनम समुद्र तट विदेशी व्यापारियों के लिए प्रसिद्धहै। कोच्चि समुद्र तट नरियल फलों के लिए जाना जाता है। मुंबई नगर के जूहू तट पर सभी लोगों अपनी इच्छा से (आनंद से )भ्रमण करते है। चेन्नई नगर का मेरीना समुद्र तट देश का सबसे बड़ा सागर तट है।
भारत के तीनों दिशाओं में समुद्र तट है। इसी वजह से भारत देश को प्रायद्वीप कहा जाता है। पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी, दक्षिण में हिंद महासागर और पश्चिम में अरब सागर है।
इन तीनों समुद्र का संगम कन्याकुमारी तट पर होता है। यहां पूर्णिमातिथि मैं चंद्रोदय और सूर्यास्त को एकसाथ देख सकते हैं।
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