समाधान का नजरिया (कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं जिसको समस्या ना हो और कोई समस्या ऐसी नहीं जिसका समाधान ना हो) BY SUJEET SIR,9709622037,8340763695,ARARIA,BIHAR





"समाधान का नजरिया"

जीवन कभी रिक्त नहीं हो सकता और हम आमतौर पर किसी न किसी समस्या से जुझते हैं।
  





  हम कहीं ना कहीं तन मन और भावनात्मक स्तर पर अपूर्ण होते हैं।हमारा पूरा चिंतन मनन बाहरी चीजों से जीवन की पूर्णता में तल्लीन रहता है और बहुधा समस्याएं अस्तित्वमान होकर हमें परेशान करने लगती है ।
  





मुसीबतें हुई से भरे थैले की तरह है। देखते रहोगे तो भारी दिखेगी और उठा लेंगे एकदम हल्की हो जाएगी ।समस्या देखकर जीवन में कभी हार नहीं मानना चाहिए। क्या पता समस्या के अंदर कोई बड़ी शुरुआत छुपी हो। समस्या से भागना समस्या का प्रारंभ है और समस्या का सामना करना समस्या के अंत का प्रारंभ है ।विपत्ति से बढ़कर तजुर्बा सीखने वाला दूसरा कोई विद्यालय नहीं। मात्र शिकायत करके समस्या से बचा नहीं जा सकता जिम्मेदारी उठाकर उसे काम जरुर कर सकते हैं।







समस्या यातायात की लाल बत्ती की तरह होती है ।बत्ती हरी हो तो हमारी गाड़ी आगे बढ़ती है ।इसी प्रकार धैर्य रखकर प्रयास चाहिए, क्योंकि संकट के समय धैर्य काम करना भी लड़ाई जीतने के समान है। मुसीबत कुछ भी हो उसका सामना करना चाहिए। विपत्ति के समय 7 गुण बचाते हैं ज्ञान ,विनम्रता ,बुद्धि, भीतर का साहस ,अच्छे कर्म ,सच बोलने की आदत और ईश्वर में विश्वास। समस्याएं छोटी-मोटी बीमारी की तरह होती है, जो आए और उनका इलाज हुआ और चली गई । वे परिपक्व करने के लिए आती है ताकि बड़ी समस्याओं का समाधान ताकत और धीरज के साथ कर सकें।









समस्याएं सदा नहीं रहती, लेकिन वह हमारे अनुभव की किताब पर हस्ताक्षर करके चली जाती है। समस्याओं का कोई आकार नहीं होता ।वह हल करने की क्षमता के आधार पर छोटे और बड़ी हो जाती है ।जैसे बिना चाबी का कोई ताला नहीं बनता इस प्रकार बिना समाधान की समस्या नहीं होती है। बस धीरज धरकर उसका समाधान करने की जरूरत होती है। जीवन में तीन लोगों को कभी नहीं भूलना चाहिए। मुसीबत में साथ देने वाले को ,मुसीबत में साथ छोड़ने वाले को, मुसीबत में डालने वाले को। 









जीवन में समस्याओं से मिलने वाले सिख को नहीं बोलना चाहिए।समस्या का समाधान करें या समस्या को छोड़ दें ,लेकिन समस्या के साथ न जिए।
 जब जल गंदा हो तो उसे हिलाते नही, बल्कि शांत छोड़ देते हैं ,जिससे गंदगी अपने आप नीचे बैठ जाती है ।परेशानी आने पर बेचैन होने की वजह शांत रह कर विचार करने पर हल जरूर निकलेगा। आपत्ति हमें आत्म ज्ञान कराती हैं और यह दिखाते हैं कि हम किस मिट्टी के बने है।मुसीबत से घबराना काम बिगाड़ना जैसा है ।संकट में ही मनुष्य की परीक्षा होती है ।जो हमारे पद,प्रतिष्ठा , पैसे से जुड़े हैं, यह केवल सुख में हमारे साथ खड़े रहेंगे । यकीनन विपत्ति में साथ पहले ही कोई देता है। 







पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं, जिसको समस्या ना हो और कोई समस्या से नहीं जिसका समाधान ना हो। समस्या के बारे में सोचने से बहाने मिलते हैं और समाधान के बारे में सोचने से रास्ते मिलते हैं ।समस्या में खोए रहने की वजह से सकारात्मक सोचने और समाधान पर ध्यान देना चाहिए। 








जब दिमाग कमजोर होता है परिस्थितियों समस्या बन जाती है ।जब दिमाग स्थिर होता है तब परिस्थितियों की चुनौती बन जाती है। संघर्ष के मार्ग पर जो वीर चलता है ,वही संसार को बदलता है । जवानी में हम मुसीबत के पीछे भागते हैं और बुढ़ापे में मुसीबत हमारे पीछे भागती है। किसी ठीक ही कहा है की क्रोध के समय प्रयोग रुक जाएं और गलती के समय थोड़ा झुक जाए तो दुनिया की काफी समस्या हल हो जाएगी ।






हर परिस्थितियों में उम्मीद का दामन रहना चाहिए । युग योगांतर से जिंदगी समस्या है और जिंदगी ही निदान है। अगर मजबूत रहना है तो आपातस्थिति में हमें घबराना नहीं चाहिए।