सकारात्मक खालीपन (सच्चे मन से की गई प्रार्थना सुनी जाती है) By Sujeet jha,9709622037 ,8340763695,Araria,Bihar
" सकारात्मक खालीपन"
अपने किसी प्रियजन को खोने या उनके बिछड़ने के बाद एक ऐसा खालीपन उभर कर सामने आता है जिसे भरना नामुमकिन सा रहता है ।
खालीपन अकेलेपन से नितांत अलग है। खालीपन मन के किसी कोने का एहसास है जो सिर्फ वही व्यक्ति भर सकता है जो अब नहीं रहा ।जाहिर है ,अगर वह व्यक्ति किसी रूप में हमेशा के लिए बिछड़ गया है तो उसकी यादें ,तस्वीर ,आवाज , बातें सब सहारा होती है उसे खालीपन को भरने का ।
पहला रास्ता
अनाथाश्रम, वृद्ध आश्रम ,महिला सुधार गृह,बाल सुधार गृह , जेल ,अस्पताल ,गरीब बस्ती ऐसी जगह है जहां अपने दुख कम ही लगेंगे। सेवा मार्ग में और विस्तृत करता है ।मैं, मेरा से निकाल कर हमें एक विशाल दुनिया का परिचय करवाता है। सेवा करते हुए हम पाते हैं कि जिनको हमने खोया है उन्हीं की याद दिलाते चेहरे हमें हमारी यादें खुशगवार बना देंगे।
दूसरा रास्ता है
प्रार्थना का । समर्पण का । जिस किसी को भी हम मानते हैं । चाहे वह ईश्वर हो ,गुरु हो, या फिर कोई और सम्माननीय हो, उन्हें समर्पण कर देना चाहिए और प्रार्थना करना चाहिए कि इस स्थिति से निकलने में हमारी मदद करें। कहते हैं, सच्चे मन से की गई प्रार्थना सुनी जाती है। ध्यान, प्राणायाम ऐसे माध्यम में जो किसी की प्रार्थना को श्रेष्ठ बना सकते हैं।
तीसरा रास्ता है
अपनी शक्ति की पहचान हमारे अंदर एक शक्ति है जो हमें अपने बिछड़े साथी, मित्र बंधु के अधूरे सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित कर सकता है। हम उनके अधूरे कार्यों को पूरा करने की याद में गोष्टी , संगीत ,सत्संग पुरस्कार रख कर हम उन्हें बेहतर ढंग से याद कर पाएंगे ।
जीवन जब तक नदी की तरह बह रहा है, तब तक जीवन है ।जीवन ठहर गया , उस दिन वह दुनिया से बिछड़ गया । इसलिए हमें स्मृतियों के समांतर जीने के विकल्प की खोज कर सकते हैं । बाहर दूसरे लोगों की निस्वार्थ सेवा एक ऐसा मार्ग है जहां है सुकून मिल सकता है ।
स्वयं दुखी होकर या नकारात्मक होकर हम दूसरे के और अपने साथ अन्याय कर रही होते हैं । इसलिए आवश्यक है कि हम सकारात्मक रहे हैं ।कुछ नुकसान की भरपाई ,कुछ ठोस काम करके या इसके अलावा सेवा प्रार्थना सपने पूरे करके की जा सकती है ।