अम्ल भस्म और लवण,class 10th ,BOARD MATRIC EXAM ( अभी सूरज नहीं डूबा जरा सा शाम होने दो जमाना बदनाम करने का बहाना ढूंढता है मैं खुद बदनाम हो जाऊंगा जरा सा नाम होने दो) BY:SUJEET SIR,9709622037,ARARIA,BIHAR
अम्ल, क्षार और लवण
अम्ल (Acid ) क्या है ?
सभी प्रकार के भोजन में कोई न कोई स्वाद अवश्य होता है। ये स्वाद या तो खट्टे मीठे या नमकीन होते हैं। भोजन में खट्टेपन का स्वाद उसमें अम्ल (Acid ) की उपस्थिति के कारण होता है।
ACID( अम्ल) का गुण
......................................................................
ACID शब्द लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका अर्थ है खट्टा (SOUR)
# ये स्वाद में खट्टे होते हैं ।
# ये नीले लिटमस को लाल में बदल देते हैं ।
# ये जलीय विलयन में H* आयन देते हैं।
# ये जलीय विलयन में H* आयन देते हैं।
अम्लों के प्रकार (Types of Acids)
श्रोतों के आधार पर अम्लों के प्रकार
प्राकृतिक अम्ल / कार्बनिक अम्ल (Natural Acid or Organic Acid ) :-
अम्ल जिन्हें प्राकृतिक श्रोत, जैसे: पौधे एवं जीव जंतु आदि से प्राप्त किया जाता है, को प्राकृतिक अम्ल कहते हैं। प्राकृतिक अम्ल को कार्बनिक अम्ल भी कहते हैं।
खनिज अम्ल /सिंथेटिक अम्ल (Mineral Acids or Synthetic Acids) :-
अम्ल जिन्हें खनिजों (minerals) से तैयार किया जाता है को खनिज अम्ल कहते हैं। चूँकि खनिज अम्ल को प्रयोगशाला में तैयार किया जाता है इसलिये इन्हें man-made या सिंथेटिक अम्ल भी कहते हैं।
जैसे, H2SO4, HNO 3
प्रबलता के आधार पर अम्लों के प्रकार :-
प्रबल अम्ल (Strong Acids) :- जिस विलयन में अधिक संख्या में H' आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं। जैसे, HCI, H2SO4, HNO 3,
दुर्बल अम्ल (Weak Acids) :- जबकि कम H' आयन उत्पन्न करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलायेंगे।
जैसे :-
:- CH3COOH, लैक्टिक अम्ल, ऑक्सैलिक अम्ल
:- CH3COOH, लैक्टिक अम्ल, ऑक्सैलिक अम्ल
सान्द्रता के आधार पर अम्लों के प्रकार :-
सान्द्र अम्ल (Concentrated Acid ) :- जिसमें अम्ल अधिक मात्रा में होता है, जबकि जल अल्प मात्रा में होता है
तनु अम्ल (Dilute Acid ) :- जिसमें अम्ल अल्प मात्रा में होता है, जबकि जल अधिक मात्रा में होता है ।
क्षार या भस्म (Base ) :-
ये स्वाद में कड़वे (Bitter ) होते हैं ।
ये लाल लिटमस को नीले में बदल देते हैं ।
ये जलीय विलयन में OH- आयन देते हैं ।
प्रबल क्षार (Strong Base ) : जिस विलयन में OH आयन अधिक संख्या में होते हैं उसे प्रबल क्षारक कहते
जैसे, NaOH, KOH, Ca(OH)2
दुर्बल क्षार (Weak Base )
जिस विलयन में OH अल्प मात्रा में उत्पन्न होते हैं उन्हें दुर्बल क्षार कहते हैं। जैसे NH4
अलकली ( Alkali ) : जल में घुलनशील क्षार को अलकली कहते हैं ।
जैसे, NaOH, KOH, Mg (OH)2
लवण ( Salt ) :- लवण अम्ल व क्षार की परस्पर अभिक्रिया से प्राप्त होता है ।
उदाहरण: NaCl KCI
सूचक (Indicators) : सूचक किसी दिए गए विलयन में अम्ल या क्षार की उपस्थिति का पता लगते हैं ।
इनका रंग या गंध अम्लीय या क्षारक माध्यम में बदल जाता है।
सूचक के प्रकार : वैसे तो सूचक बहुत प्रकार के होते है, परन्तु श्रोत के आधार पर सूचक (Indicator) को दो भागों में बांटा जा सकता है:
1. प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator)
2. मानव निर्मित सूचक ( Synthetic Indicator)
(i) प्राकृतिक सूचक (Natural Indicator ) : वे सूचक जो प्राकृतिक स्रोतों के प्राप्त होते है प्राकृतिक सूचक कहलाते है
वक (Natural indicator ) वै युर्क हो प्रकृतिक सोता है
जैसे- लिटमस, हल्दी, चाइना रोज, लौंग, लाल गोभी आदि ।
लिटमस : लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलाफाइटा समूह के लाईकेन (Lichen) के पौधे से निकला जाता है |
जैसे- लिटमस, हल्दी, चाइना रोज, लौंग, लाल गोभी आदि ।
लिटमस : लिटमस विलयन बैंगनी रंग का रंजक होता है जो थैलाफाइटा समूह के लाईकेन (Lichen) के पौधे से निकला जाता है |
लिटमस विलयन जब न तो अम्लीय होता है न ही क्षारकीय, तब इसका रंग बैगनी होता है। लिटमस पत्र : लिटमस पत्र दो रंगों का होता है - नीला एवं लाल |
Note :- अम्ल नीले लिटमस पत्र को लाल कर देता है जबकि क्षार लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है।
हल्दी ( Turmeric ) :- हल्दी भी एक अन्य प्रकार का प्राकृतिक सूचक है।
यह पीला रंग का होता है, कई बार आपने
देखा होगा जब किसी सफ़ेद कपड़ों पर सब्जी का दाग लग जाता है और जब इसे साबुन (क्षारीय प्रकृति) से धोते है तो यह उस दाग के धब्बे को भूरा-लाल कर देता है।
अम्ल के साथ हल्दी के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
क्षार के साथ इसका रंग भूरा-लाल हो जाता है।
देखा होगा जब किसी सफ़ेद कपड़ों पर सब्जी का दाग लग जाता है और जब इसे साबुन (क्षारीय प्रकृति) से धोते है तो यह उस दाग के धब्बे को भूरा-लाल कर देता है।
अम्ल के साथ हल्दी के रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
क्षार के साथ इसका रंग भूरा-लाल हो जाता है।
लाल पत्ता गोभी (Red Cabbage):- लाल पत्ता गोभी के रस को भी प्राकृतिक सूचक के रूप में उपयोग किया जाता है। लाल पत्ता गोभी के रस मूल रूप में बैगनी रंग क होता है।
> लाल पत्ता गोभी के रस में अम्ल मिलाने पर लाल रंग में बदल जाता है।
> लाल पत्ता गोभी के रस में क्षार मिलाने पर यह हरे रंग में बदल जाता है।
सूंघने वाला सूचक (Olfactory Indicators ):- प्रकृति में कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है।
ऐसे पदार्थों को गंधीय (Olfactory) सूचक कहते हैं ।
जैसे - वैनिला, प्याज एवं लौंग आदि ।
जैसे - वैनिला, प्याज एवं लौंग आदि ।
(ii) कृत्रिम या संश्लेषित सूचक (Synthetic Indicator )
: वे सूचक जो प्राकृतिक नहीं होते ये रसायनिक पदार्थों द्वारा प्रयोगशालाओं में बनाया जाता है, को कृत्रिम या मानव निर्मित सूचक (Synthetic Indicators) कहते हैं।
जैसे - मेथिल ऑरेंज एवं फिनोल्फ्थेलीन आदि । इनका उपयोग अम्ल एवं क्षार की जाँच के लिए होता है।
|
फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein ) :- फ़ेनॉल्फ़थैलीन (Phenolphthalein) एक रंगहीन घोल है। → क्षार मिलाने से फ़ेनॉल्फ़थैलीन का रंग गुलाबी हो जाता है।
> लकिन अम्ल मिलाने से फ़ेनॉल्फ़थैलीन रंगहीन ही रहता है।
मिथाईल ऑरेंज ( Methyl Oragne) :- मिथाईल ऑरेंज (Methyl Oragne) एक नारंगी रंग का तरल है। > मिथाईल ऑरेंज का रंग क्षार के मिलाने से पीला हो जाता है।
> मिथाईल ऑरेंज का रंग अम्ल के मिलाने से लाल हो जाता है।
अम्ल व क्षारों के रासायनिक गुण
अम्ल की धातु से अभिक्रिया (Reaction with acids and metals): अम्ल धातु से अभिक्रिया कर संगत धातु की लवण और हाइड्रोजन गैस प्रदान करता है :
समान्य सूत्र
अम्ल + धातु ---------लवण + हाइड्रोजन गैस
अम्ल + धातु ---------लवण + हाइड्रोजन गैस
उदाहरण :
जिंक के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक क्लोराइड और हाइड्रोजन गैस बनता है |
2 HCI + Zn → ZnCl2 +H2( हाइड्रोजन गैस)
जिंक के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से जिंक क्लोराइड और हाइड्रोजन गैस बनता है |
2 HCI + Zn → ZnCl2 +H2( हाइड्रोजन गैस)
सोडियम के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया से सोडियम क्लोराइड और हाइड्रोजन गैस बनता है।
2 HCI + 2 Na --------> 2NaCl +H2
धातु जिंक की सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया से जिंक सल्फेट और हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है।
H2SO4 + Zn → ZnSO4 + H2
हाइड्रोजन गैस की जाँच ( Testing of Hydrogen Gas):
जब हम किसी धातु का किसी अम्ल से अभिक्रिया कराते है तो यह संगत लवण और हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है। अभिक्रिया के इस अवधि के दौरान, जब हम एक जलती हुई मोमबत्ती इस गैस के पास ले जाते है तो यह पॉप उत्पन्न होती है | पॉप ध्वनि यह बताती है कि उत्पन्न गैस हाइड्रोजन है।
पॉप टैस्ट : हाइड्रोजन गैस से निहित परखनली के पास जब एक जलती हुई मोमबत्ती लाई जाती है, तो पॉप की ध्वनि उत्पन्न होती है । इस टैस्ट को हाइड्रोजन की उपस्थिति दर्शाने के लिए प्रयोग करते हैं ।
धातु कार्बोनेट के साथ अम्ल की अभिक्रिया (Reaction of Metal Carbonate with Acids);
चूनापत्थर, चाक और संगमरमर कैल्शियम कार्बोनेट के विभिन्न रूप है । अम्ल, सभी धातु कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया कर संगत लवण, कार्बन डाइऑक्साइड और जल प्रदान करता है।
समान्य सूत्र
धातु कार्बोनेट + अम्ल --------लवण+ कार्बनडाइऑक्साइड+ जल
उदाहरण:
कैल्शियम क्लोराइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर कैल्शियम क्लोराइड, कार्बन डाइऑक्साइड और
जल प्रदान करता है।
कैल्शियम क्लोराइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के साथ अभिक्रिया कर कैल्शियम क्लोराइड, कार्बन डाइऑक्साइड और
जल प्रदान करता है।
CaCO3 + 2HCI ---CaCl 2 + CO2 + H2O
(कैल्शियम क्लोराइड) (कार्बन डाइ ऑक्साइड) (जल)
........... question answer ❓............................