हमारे आस पास के पदार्थ,CLASS:9TH CHEMISTRY ( जरूरी नहीं रोशनी चरागों से हो, शिक्षा भी घर को रोशन करता है)BY:SUJEET SIR,9709622037,ARARIA,BIHAR

 






कक्षा-9 विज्ञान 3

chapter-1
हमारे आस-पास के पदार्थ
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* पदार्थ (द्रव्य): विश्व में प्रत्येक वस्तु जिस सामग्री से बनी होती है। उसे वैज्ञानिकों ने 'पदार्थ' का नाम दिया अर्थात सभी वस्तुओं का द्रव्यमान होता है और ये कुछ स्थान (आयतन) घेरती है।






उदाहरण :- पत्त्थर, बादल, तारें, पौधे एंव पशु,
 रेत का का Note :- भारत के प्राचिन दार्शनिकों ने पदार्थ को पाँच मूल तत्त्वों में वर्गीकृत किया जिसे 'पंचतत्त्व' कहा गया ये पंचतत्व है- वायु, पृथ्वी, अग्नि, जल और आकाश उनके अनुसार इन्हीं पंचतत्वों से सभी वस्तुएँ बनी है। चाहें वो सजीव हों या निर्जीव ।



* पदार्थ का भौतिक स्वरूप :-
# पदार्थ कणों से मिलकर बना होता है-
पदार्थ की प्रकृति के सम्बन्ध में दो विचारधाराएँ प्रचलित थी । (A) पदार्थ लकड़ी के टुकड़े की तरह सतत होते हैं।
 (B) पदार्थ रेत की तरह के कणों से मिलकर बने होते है। सभी पदार्थ कणों से बने होते है।





# पदार्थ के ये कण कितने छोटे है-
                                                                               
पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते है इतने छोटे कि हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं-





# पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है-
                                                                               
उदाहरण के लिए जब हम चाय, कॉफी या नींबू-पानी बनाते हैं, तो एक पदार्थ के कण दूसरे पदार्थ के कणों के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं। अर्थात पदार्थ के कणों के बीच पर्याप्त रिक्त स्थान होता है।





# पदार्थ के कण निरंतर गतिशील होते है-
                                                                              
पदार्थ के कण निरंतर गतिशिल होते है, अर्थात उनमें गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती हैं।



* विसरण : दो या दो से अधिक पदार्थों का स्वत: एक दूसरे से मिलकर संभागी मिश्रण बना लेना 'विसरण' कहलाता है।






# पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते है-
                                                                               
पदार्थ के कणों के बीच एक बल कार्य करता है। यह बल कणों को एक साथ रखता है। इस आकर्षण बल का सामर्थ्य प्रत्येक पदार्थ में अलग-अलग होता है।





* पदार्थ की अवस्थाएँ :-
पदार्थ की तीन अवस्थाएँ होती है-
(i) ठोस अवस्था (ii) द्रव अवस्था (iii) गैस अवस्था



# ठोस अवस्था :-
(i) ठोसों का आकार व आयतन निश्चित होता है। 
(2.) इनकें गलनांक व स्वथनांक कक्षताप से अधिक होते है।
(3.) इन्हें संपीडित नहीं किया जा सकता है।
(4.) ठोसों में कणों के बीच आकर्षण बल अधिक होता है।
(5.) ठोस में विसरण द्रव तथा गैसों की अपेक्षा कम
होता है।
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* घनत्व :- किसी वस्तु के इकाई आयतन के द्रव्यमान
को घनत्व कहते है।









द्रव्यमान/आयतन= घनत्व
# द्रव अवस्था :-
                            
                       . ..
(1.) द्रव का आयतन निश्चित होता है। लेकिन आकार निश्चित नहीं होता है।
(2.) द्रव का गलनांक कक्षताप से कम तथा क्वथनांक कक्षताप से अधिक होता है ।
(3) इन्हें संपीडित नहीं किया जा सकता है।
(4.) कणों के बीच आकर्षण बल ठोसों से कम होता है। (5.) विसरण तीव्र होता है।





# गैस अवस्था :-
                     
                    

(1.) गैसों का आयतन तथा आकार निश्चित नहीं होता हैं गैसें जिस बर्तन में रखी जाती है। उसी का आयतन व आकार ग्रहण कर लेता है।
(2.) इनके गलनांक व क्वथनांक कक्षताप से अधिक होते है। (3.) इन्हें संपीडित किया जा सकता है।
(4.) कणों के बिच आकर्षण बल द्रव से कम होता है। 
(5.) विसरण द्रवों से अधिक होता है।

- LPG = द्रवित पेट्रोलियम गैस-
 CNG = संपीडित प्राकृतिक गैस)








* क्या पदार्थ अपनी अवस्थाबदल सकता है-
जल पदार्थ की तीनों अवस्थाओं में वह सकता
* ठोस, जैसे बर्फ
* द्रव जैसे जल
* गैस जैसे जलवाष्प
* तापमान परिवर्तन का प्रभाव :- ठोस के तापमान को बढ़ाने पर : उसके क्यों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। गतिज ऊर्जा में वृद्धि होने के कारण का अधिक तेजी से कंपन करने लगते है। उपमा के द्वारा प्रदत की गई ऊर्जा वनों के विद्य के आकर्षण बल को पार कर लेती है। इस कारण कण अपने नियत स्थान को छोड़कर अधिक स्वतंत्र होकर गति करने लगते है। एक ऐसी अवस्था होती है। जब ठोस पिघलकर द्रव में परिवर्तित हो जाता है।




* गलनांक :- जिस तापमान पर ठोस पिघलकर द्रव बन जाता है। वह इसका 'गलनांक' कहलाता है।
किसी ठोस का गलनांक उसके कणों के बीच के आकर्षण बल के सामर्थ्य, को दर्शाता है।





* केल्विन को सेल्सियस में बदलने के लिए के
K-273



* सेल्सियस को केल्विन में बदलने के लिए के
C+273




* दाब परिवर्तन का प्रभाव :- यदि किसी सिलिण्डर में गैस भरी हो तथा उस पर दाब आरोपित किया जाए तब गैस के कणों के बीच की दूरी कम हो जाएगी। अतः दाब परिवर्तित करने पदार्थ के कणों को समीप लाया जा सकता है। उदाहरण के लिए ठोस Coz पर दाब को 1 वायुमण्डलीय करके वह द्रव अवस्था में आए बिना सीधे गैस में बदल जाती है। यही कारण है कि ठोस कार्बन डाई ऑक्साइड को शुष्क बर्फ कहते है।




++ उर्ध्वपातन : द्रव अवस्था में परिवर्तित बिना ठोस अवस्था
हुए से सीधे गैस अवस्था में बदलने की प्रक्रिया
को 'उर्ध्वपातन' कहते है।


# वाष्पीकरण :- क्वथनांक से कम तापमान पर द्रव
के  वाष्प बदलने की प्रक्रिया को 'वाष्पीकरण' कहते है।









# वाष्पीकरण को प्रभावित करने वाले कारक:-
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।                                                                               
⇒ ताप वृद्धि से वाष्पन की दर अधिक हो जाती है।
⇒ सतह के क्षेत्रफल में वृद्धि से वाप्पन की दर अधिक हो जाती है।

→ आर्द्रता में कमी से वाष्पन की दर बढ़ती है। तथा आर्द्रता
अधिक होने पर वाष्पन की दर कम हो जाती है। 




* वाष्पीकरण के कारण शीतलता कैसे होती है- वाष्पीकरण के दौरान जो ऊर्जा कम होती है उसे प्राप्त करने के लिए द्रव के कण अपने आस-पास से ऊर्जा अवशोषित कर लेते है। इस तरह से आस-पास से ऊर्जा के अवशोषित होने के कारण शीतलता हो जाती है।
* गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए- क्योंकि इनके द्वारा पसीने का अधिक अवशोषण हो जाता है। जो वायुमण्डल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है।
* कुछ मापन योग्य राशियाँ व उनके मात्रक
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राशि                   मात्रक          प्रतीक
                                                                       
तापमान               केल्विन            K 
  
                             BY:SUJEET   SIR              
लम्बाई                   मीटर           m 
                         9709622037                                   
  द्रव्यमान            किलोग्राम      kg 
                                                                           

समय                  सैकेण्ड         sec 
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भार                          न्यूटन        N 

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आयतन                    घन मीटर    m 3
 
                                                                            
    घनत्व            किलोग्राम प्रति घन मीटर    kg/m 3

...... बस दो कदम चलो सोचो क्या नजारा होगा और सुजीत सर जो कहते हैं आप वह कीजिए जो सोचिए गा आपके साथ वही होगा......................


                                                                               
दाब                        पास्कल                     pa 

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तमन्ना करने से कहां पूरे होते हैं तमन्ना 
                          तमन्ना को पूरा करने के लिए लड़ना भी पड़ता है और पढ़ना भी पड़ता है
                               तब जाकर तमन्ना पूरे होते हैं








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...................... question answer ❓..........................