PROSE, INDIAN CIVILIZATION AND CULTURE ,12TH,BIHAR SECONDARY EDUCATION BOARD ( ऊंचाई पर वही पहुंचते हैं जो बदला नहीं बदलाव लाने की सोच रखते है।)BY:SUJEET SIR,9709622037,ARARIA,BIHAR.











Prose-Section 
 1.INDIAN CIVILIZATION AND CULTURE
Mahatma Gandhi
About Writer 
   



Mohan Das Karamchand Gandhi (2nd Oct. 1869 to 30 Jan. 1948), popularly known as 
“Bapu” or the Father of the Nation, was more a spiritual 
leader than a politician. He successfully used truth and 
non-violence as the chief weapons against the British rule 
in India and helped India gain independence. From 1915 
till 1948 he completely dominated Indian politics. He died 
at the hands of a fanatic on 30 January, 1948. His
autobiography, My Experiments with Truth, and the 
numerous articles that he wrote for Young India and the 
speeches that he delivered on different occasions, reveal 
him not only as an original thinker but also as a great master of chaste, idiomatic English. In 
the following extract ‘Indian Civilization and Culture’, Gandhiji talks about the sound 
foundation of Indian civilization which has successfully withstood the passage of time. The 
western civilization which has the tendency to privilege materiality cannot match the Indian 
civilization that elevates the moral being.
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लेखक के बारेमें
मोहन दास करमचंद गांधी (2 अक्टूबर, 1869 से 30 जनवरी, 1948), जिन्हें"बापू" या राष्ट्रपिता के रूप  मेंजाना जाता था, 
एक राजनेता सेअधिक  आध्यात्मिक नेता थे। उन्होंने भारत ब्रिटिश शासन के  खिलाफ मुख्य हथियार के रूप में सत्य  और अहिंसा का सफलतापूर्वक उपयोग किया गया और  भारत को स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। 1915 से1948 तक  वह पूरी  तरह
से भारतीय राजनीजत पर  हावी रहे। 30 जनवरी, 1948 को  एक कट्टरपंथी के हाथों उनका निधन हो  गया। उनकी आत्मकथा "माई एक्सपेररमेंट्स विद ट्रुथ " और कई लेख उन्होंने YOUNG INDIA के लिए लिखे और जिन भाषणों को उन्होंने विभिन्न अवसरों पर दिया। उन्होंने केवल एक मृत लेखक लेखक के रूप में प्रकट करते हैं लेकिन यह भी एक महान गुरु के रूप में पवित्र मुहावरेदार अंग्रेजी निम्नलिखित निष्कर्ष"Indian Civilization and Culture" (भारतीय सभ्यता और संस्कृति ) में, 
गांधीजी भजन भारतीय सभ्यता की ध्वनि नींव के बारे में बात  करते हैं। समय बीतने के साथ सफलतापूर्वक  समाप्त  गई है।
पश्चिमी सभ्यता, जिसमें भौतिकता का विशेष अधिकार की प्रवृत्ति है, उस भारतीय सभ्यता से मेल नही खा  सकती है जो नैतिकता को बढ़ाती  है।

Objective question related Mahatma Gandhi 


Q1. Mahatma Gandhi was born on
(a) 30 Jan. 1869
(b) 30 Jan. 1879
(c) 20 Oct. 1859
(d) 2 Oct. 1869
Ans: d







Q2. Mahatma Gandhi died on
(a) 30 Jan. 1947
(b) 30 Jan. 1948 (c) 2 Oct. 1948
(d) 2 Oct. 1950
Ans: b
Q3. He was associated with which
journal?
(a) Bombay Chronicle
(b) Indian Mirror
(c) New India
(d) Young India
Ans: d
Q4. He dominated Indian politics between ..... to
(a) 1910 to 1948
(b) 1915 to 1948
(c) 1905 to 1948
(d) 1869 to 1948
Ans: b
Q5. He was more than  a politician.
(a) famous leader
(b) religious leader
 (c) spiritual leader
(d) global leader
Ans:c
Q6. He is our father of nation. Also, he is popularly known as
(a) Chacha
(b) Netaji
(c) Bapu
(d) Deshratna
Ans: c
Q7. His main weapons were truth and
(a) honesty 
(b) kindness 
(c) courtesy
(d) non-violence
Ans: d









Q8. He was assassinated by a fanatic
(a) Nityanand Roy
(b) Nathuram Godse 
(c) Rishav Ghosh
(d) Surya Singh
Ans: b
Q9. What is the name of the autobiography of Mahatma Gandhi?
 (a) India of my dream
(b) My experiment with truth 
(c) Long walk to freedom
(d) Towards the freedom
Ans: b
Q10. The existing chapter has been taken from?
(a) India of my dream
(b) My experiment with truth
(c) Long walk to freedom
(d) Towards the freedom
Ans: b
Q11. In this chapter he compared Indian Civilization to the
(a) Chines Civilization
(b) Roman Civilization
(c) Western Civilization
(d) Attic Civilization
Ans:c
Q12. What is the theme of the chapter 'Indian civilization and culture'? 
(a) Comparison between two countries
 (b) Comparison between two civilization 
(c) Comparison between two books 
(d) Comparison between two historic sites
Ans:b








           Theme
This is an essay where Mahatma Gandhi has compared Indian civilization to the western civilization. And, eventually he has suggested we Indians to shun it at all cost.





                विषय वस्तु
यह एक लेख है जहाँ महात्मा गाँधी ने भारतीय सभ्यता की तुलना पश्चिमी सभ्यता से की है । एवं अंततः उन्होंने हम भारतीयों को ये सलाह दिया है की हम किसी भी परिस्थिति में इस से दूर रहें.
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              ....... Lesson starts ....

Para 1.
 I believe that the civilization India has evolved is not to be beaten in the world. Nothing can equal the seeds sown by our ancestors. Rome went, Greece shared the same fate, the might of the Pharaohs was broken, Japan has become westernized; of China nothing can be said, but India is still, somehow or other, sound at the foundation. The people of Europe learn their lessons from the writings of the men of Greece or Rome which exist no longer in their former glory. In trying to learn from them, the European imagine that they will avoid the mistake of Greece and Rome. Such is their pitiable condition.
Para 1.










 मुझे यकीन है की जो सभ्यता भारत ने विकसित की है वो विश्व में कहीं भी मात खाने वाली नहीं है । हमारे पूर्वजों द्वारा बोये जाने वाले बीज की बराबरी नहीं की जा सकती है । रोमन सभ्यता समाप्त हो गयी, यूनान के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ, फिरऔन की ताक़त भी समाप्त हो गयी, जापान का पश्चिमीकरण हो गया : चीन के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता ,परन्तु भारत की सभ्यता अभी भी किसी न किसी तरह बरक़रार है । यूरोप के लोग उन यूनान एवं रोम के लोगों के लेख से सीखते हैं जिनका अब पूर्व गौरव बाकी नहीं रहा। उनसे सीखने के क्रम में यूरोपवासियों को लगता है की वो लोग (यूरोप के लोग )रोम एवं यूनान के लोगों की ग़लतियों को नहीं दुहराएंगे। इतनी दयनीय स्थिति है ।







Pharaohs- मिस्र के प्राचीन शासकों को Pharaohs कहा जाता था जिसे हिंदी में हम फिरौन कहते हैं। यह किसी एक शासक का नाम नहीं था बल्कि उस राजवंश का हर बादशाह फिरौन कहलाता था। यह अपने आप को भगवान समझते थे और इनका बहुत विशाल साम्राज्य था। अनेकों फिरौन की ममी आज भी मिस्र के संग्रहालय में हैं।





Greece - यूनान देश को इंग्लिश में हम Greece कहते हैं। यह वही देश है जहां सुकरात और प्लेटो पैदा हुए। यह सिकंदर महान की धरती है। इतिहास के पिता हेरोडोट्स और जीव विज्ञान के पिता अरस्तु भी यूनान के हैं।




Egypt - मिस्र देश को हम इंग्लिश में Egypt कहते हैं। पुराने समय में समय में यहां विश्व का सबसे शक्तिशाली शासक हुआ करता था जो फिरऔन कहलाता था ।



Para 2.
 In the midst of all this, India remains immovable and that is her glory. It is her glory. It is charge against India that her people are so uncivilized, ignorant and stolid, that it is not possible to induce them to adopt any changes. It is a charge really against our merit. What we have tested and found true on the anvil of experience, we dare not change. Many thrust their advice upon India, and she remains steady. This is her beauty; it is the sheet anchor of our hope.

Para 2. 
इन सब के बीच भी भारत अटल है और यही इसकी सुन्दरता है। भारत पर यह आरोप है की इसके लोग इतने असभ्य,अनपढ़ और जिद्दी हैं की उन्हें किसी बदलाव के लिए राज़ी कर पाना संभव नहीं है। यह सचमुच हमारी श्रेष्ठता के ऊपर लगाया गया आरोप है। जो कुछ भी मैंने परखा और अपने तजुर्बे के आधार पर सत्य पाया, हमें किसी परिवर्तन की ज़रूरत नहीं है। बहुत से लोगों ने भारत पर अपने मशविरों को थोंपने की कोशिश की, लेकिन वो फिर भी स्थिर है। यही उसकी सुन्दरता है और यही हमारे उम्मीद की आखिरी किरण है।









Anvil- इसे हिंदी में निहाई कहते हैं। यह metal का एक बड़ा ब्लॉक होता है और जिसका ऊपरी हिस्सा चपटा होता है। इसपर आप सोनार को चांदी रखकर पीटते हुए देख सकते हैं।



Sheet anchor - लोहे के एक बड़े मजबूत लंगर को पानी जहाज में रखा जाता है ताकि इमर्जेन्सी में जहाज को होल्ड करने के लिए इसका प्रयोग किया जा सके। और आपात स्थिति में जहाज का यही एकमात्र सहारा होता है इसलिए इसे उम्मीद की आखिरी किरण यानी sheet anchor कहते हैं ।



Para 3.
 Civilization is that mode of conduct which points out to man the path of duty. Performance of duty and observance of morality are convertible terms. To observe morality is to attain mastery over our minds and our passions. So doing, we know ourselves. The Gujrati equivalent for civilization means "good conduct".








Para 3. 
सभ्यता हमारे चरित्र का वो आदर्श है जो मनुष्य को उसके फ़र्ज़ का रास्ता दिखाता है। कर्तव्य का निर्वहन एवं नैतिकता का अवलोकन बदलने योग्य चीजें हैं। नैतिकता का पालन करके ही हम अपने दिमाग एवं अपनी भावना पर नियंत्रण कर सकते हैं।ऐसा करने पर हम अपने आप को जान सकते हैं। गुजराती में सभ्यता का अर्थ होता है -अच्छा चरित्र ।




Para 4.
 If this definition be correct, then India, as so many writers have shown, has nothing to learn from anybody else, and this is as it should be.






Para 4. यदि यह परिभाषा सही है तो भारत को जैसा की बहुत से लेखकों ने बताया है किसी से कुछ सीखने की ज़रूरत नहीं है। और यह ऐसा ही है जैसा इसे होना होना चाहिए।





Para 5. We notice that the mind is a restless bird, the more it gets the more it wants, and still remains unsatisfied. The more we indulge in our passions, the more unbridled they become. Our ancestors, therefore, set a limit to our indulgences. They saw that happiness was largely a mental condition.







Para 5.
 हम देखते हैं की मनुष्य का दिमाग एक बे आराम परिंदे की तरह है। जितना ये पाता है उतना ही यह और अधिक पाने की चाह रखता है। फिर भी यह असंतुष्ट रहता है। जितना ही हम अपनी भावना को तृप्त करते हैं उतनी ही यह अनियंत्रित रहती है। इसलिए हमारे पूर्वजों ने हमारे तुष्टि की एक सीमा तय कर दी। उन्होंने देखा की हमारे ख़ुशी का सम्बन्ध मानसिक परिस्थिति से है।









Para 6.
 A man is not necessarily happy because he is rich, or unhappy he is poor. The rich are often seen to be unhappy, the poor to be happy. Millions will always remain poor. Observing all this, our ancestors dissuaded us from luxuries and pleasures. We have managed with the same kind plough as existed thousands of years ago. We have retained the same kind of cottages that we had in former times and our indigenous education remains the same as before. We have had no system of life-corroding competition. Each followed his own occupation or trade and charged a regular wage. It was not that we did not know how to invent machinery, but our forefathers knew that, if we set our hearts after such things, we would become slaves and lose our moral fibre. They, therefore, after due deliberation decided that we should only do what we could with our hands and feet. They saw that our real happiness and health consisted in a proper use of our hands and feet.





 Para 6.
 ज़रूरी नही की जो अमीर है वो खुश रहता है और जो ग़रीब है वो नाखुश रहे। अमीरों को अक्सर उदास देखा गया है और ग़रीबों को खुश । लाखों लोग हमेशा ग़रीब रह जाते हैं। इस सब को देखते हुए हमारे पूर्वजों ने हमें विलासिता और आनंद से दूर रखा। हमलोग आज भी उसी प्रकार जी रहे हैं जैसा हमारे पूर्वज जी रहे थे। हम आज भी उसी प्रकार की झोंपड़ी में रह रहे हैं जैसी पहले थी। और हमारी देशी शिक्षा का स्वरुप भी वैसा ही है जैसा पहले था। हमारे यहाँ जीवन को बर्बाद करने वाली प्रतियोगिता की पद्धति नहीं थी। हर कोई अपने धंधे में एक नियमित मजदूरी के साथ लगा है। ऐसा नहीं था की हमारे पूर्वज यंत्रों का आविष्कार करना नही जानते थे बल्कि वो भी जान रहे थे की अगर हम इन आविष्कारों में उलझ गए तो हम अपना चरित्र खो देंगे। इसलिए उन्होंने गहन विचार-विमर्श के बाद ये फैसला लिया की हम अपने-अपने हाथ-पाँव पर ही निर्भर रहें। उन्होंने देखा की हमारी सच्ची खुशी और स्वास्थ्य हमारे हाथ पाँव के इस्तेमाल करने में छुपी है






indigenous education - शिक्षा का वह स्वरूपर जहाँ छात्रों को स्वदेशी भाषा में स्वदेशी पाठ और कौशल सिखाया जाता है। इसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बजाए आध्यात्म पर विशेष बल दिया जाता है। पुराने समय में गुरुकुल भी इसी उद्देश्य से स्थापित किये गए थे ।




Para 7. 
They further reasoned that large cities were a snare and a useless encumbrance and that people would not be happy in them, that there would be gangs of thieves and robbers, prostitution and vice-flourishing in them and that poor men would be robbed by rich men. They were, therefore, satisfied with small villages.









Para 7. आगे उन्होंने तर्क दिया की बड़े-बड़े शहर एक फंदे के सामान थे और एक बेकार बोझ की तरह थे। और ये भी की वे लोग उन शहरों में खुश नहीं थे क्योंकि वहां चोरों, डाकुओं और वेश्याओं का गिरोह रहता था और बुराई वहां तेज़ी से परवान चढ़ती है। अमीर वहां ग़रीबों को ठगते थे इसलिए वे छोटे- छोटे गाँव में संतुष्ट थे।






Para 8. 
They saw that kings and their swords were inferior to the sword of ethics, and they, therefore, held the sovereigns of the earth to be inferior to the Rishis and the Fakirs. A nation, with a constitution like this, is filter to teach others than to learn from others. This nation had courts, lawyers and doctors, but they were all within bounds. Everybody knew that these professions were not particularly superior. Moreover, these Vakils and Vaids did not rob people; they were considered people's dependents, not their masters. Justice was tolerably fair. The ordinary rule was to avoid courts. There were no touts to lure people into them. This evil too was noticeable only in and around capitals. The common people lived independently and followed their agricultural occupation. They enjoyed True home rule. 




Para 8. 
उन्होंने देखा की राजा और उसकी शक्ति नैतिकता की शक्ति के सामने बहुत मामूली थी इसलिए उनका मानना था की इस धरती की बादशाहत ऋषि-मुनि एवं फकीरों के सामने कुछ भी नहीं। जिस राष्ट्र का संविधान ऐसा हो उसे दूसरों से सीखने की नहीं बल्कि सिखाने की ज़रूरत है। उस राष्ट्र में कचहरी, वकील एवं वैद्द भी थे, परन्तु वे सभी एक सीमा के अन्दर थे। सभी को पता था की उनके पेशे एक दूसरे से उत्कृष्ट नहीं थे (सब अपनी जगह ख़ास थे ) । और यही नहीं बल्कि, ये वकील और वैद्द लोगों को लूटते नहीं थे बल्कि उन्हें लोगों का सेवक माना जाता था न की स्वामी । न्याय ठीक-ठाक हद तक संतोषजनक था। साधारणतः लोग कोर्ट से दूर ही रहते थे। उन्हें झाँसा देने वाला कोई दलाल नहीं था। यह बुराई भी पूँजी के इर्द-गिर्द ही दिखती थी। आमलोग स्वतंत्र रूप से रहते थे और पेशे कृषि से लगे थे। उन्होंने असली स्वशासन का आनंद लिया।








True home rule - इसका अर्थ है स्वशासन यानी ऐसी शासन व्यवस्था जिसका मुख्य उद्देश्य होता है घर की बात घर में ही रहे। हम अपनी समस्याओं को अपनी लोगों के ही बीच बैठकर सुलझाएँ। ग्राम पंचायत इसी का एक स्वरूप है।






Para 9. 
The Indian civilization, as described by me, has been so described by its votaries. In no part of the world, and under no civilization, have all men attained perfection. The tendency of India civilizations is to elevate the moral being, that of the western civilization is to propagate immorality. The latter is godless; the former is based on a belief in God. So understanding and so believing, it behoves every lover of India to cling to the old Indian civilization even as a child clings to the mother's breast.









Para 9. भारतीय सभ्यता का, जैसा मैंने वर्णन किया है, वैसा ही इस के ऋषि मुनियों ने भी किया है। ना तो दुनिया के किसी हिस्से में और ना ही किसी सभ्यता ने पराकाष्ठा प्राप्त की है। नैतिकता को बढ़ावा देना भारतीय सभ्यता की खासियत है जबकि पश्चिमी सभ्यता अनैतिकता को बढ़ावा देती है। पश्चिमी सभ्यता भगवान पर विश्वास नहीं करती जबकि भारतीय सभ्यता इश्वर की आस्था पर आधारित है। कितना स्पष्ट और विश्वशनीय है यह, यह सभी भारत प्रेमियों का कर्तव्य होना चाहिए की वो अपनी पुरानी भारतीय सभ्यता से इस प्रकार चिपके रहें जैसे एक बच्चा अपनी माँ की छाती से चिपका होता है।







Para 10. 
I am no hater of the West. I am thankful to the West for many a thing I have learnt from Western literature. But I am thankful to modern civilization for teaching me that me that if I want India to rise to its fullest height, I must tell my countrymen frankly that, after years and years of experience of modern civilization, I have learnt one lesson from it and that is that we must shun it at all costs.





Para 10. 
मैं पश्चिम से नफरत नहीं करता। मैं तो पश्चिम का शुक्रगुजार हूँ की मैंने पश्चिमी साहित्य से बहुत कुछ सीखा है।लेकिन मैं पश्चिमी साहित्य का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ की इसने मुझे सिखाया की अगर मैं भारत को इसकी सर्वोत्तम ऊँचाई तक ले जाना चाहूँ तो मुझे भारतवासियों से साफ़-साफ़ कह देना चाहिए की आधुनिक सभ्यता के सालों साल के अनुभव के बाद मैंने इससे एक ही सबक सीखा है की हमें इस से हर कीमत पर दूर रहना चाहिए।









Para 11.
 What is that modern civilization ? It is the worship of the material, it is the worship of the brute in us- it is unadulterated materialism, and modern civilization is nothing if it does not think at every step of the triumph of material civilization.






Para 11. 
यह आधुनिक सभ्यता क्या है ? यह वस्तुओं की पूजा है, यह हमारे अन्दर के छुपे हुए शैतान की पूजा है। यह शुद्ध भौतिकवाद है और आधुनिक सभ्यता कुछ भी नहीं है अगर यह आधुनिक सभ्यता की जीत के हर कदम पर गौर ना करे 







Unadulterated Materialism - शुद्ध भौतिकवाद, यह एक सिद्धांत है जिसका मूल मत यह है की भौतिकता ही सब कुछ है और बिना इसके जीवन में सुख और आनंद नहीं आ सकता। यानी वस्तुओं की पूजा ही इसका मूल उद्देश्य है।






Para 12. 
It is perhaps unnecessary, if not useless, to weigh the merits of the two civilizations. It is likely that the West has evolved a civilization suited to its climate and surroundings, and similarly, we have a civilization suited to our conditions, and both are good in their own respective spheres.






Para 12. अगर यह बेकार नहीं तो अनावश्यक है की दो अलग-अलग सभ्यताओं के गुणों पर विचार किया जाए। यही बात उप्युक्त लगती है की पश्चिम ने एक ऐसी सभ्यता विकसित की है जो उसके अनुकूल है उसी प्रकार हमने एक ऐसी सभ्यता विकसित की है जो हमारे अनुकूल है और दोनों अपनी-अपनी जगह पर ठीक है।





Para 13.
 The distinguishing characteristic of modern civilization is an indefinite multiplicity of human wants. The characteristic of ancient civilization is an imperative restriction upon, and a strict regulating of, these wants. The modern or western insatiableness arises really from want of living faith in a future state and therefore also in Divinity. The restraint of ancient or Eastern civilization arises from a belief, often in spite of ourselves, in a future state and the existence of a Divine Power.



Para 13. आधुनिक सभ्यता की मुख्य विशेषता यह है की यह मनुष्य के ईच्छाओ कभी खत्म ना होने वाली सीमा तक बढ़ाता ही चला जाता है। प्राचीन सभ्यता की विशेषता यह है कि यह मनुष्य की ईच्छाओं पर लगाम लगाता है। आधुनिक या पश्चिमी सभ्यता की यह अतृप्तता हमारी चाहत को भविष्य मे और बढ़ावा देता है प्राचीन या पूर्वी सभ्यता का संयम एक विशवास के बल पर है, अक्सर खुद के बावजूद एक भविष्य की स्थिति और एक दिव्य शक्ति के अस्तित्व में।






Divine Power शक्तियाँ जो मानवीय क्षमताओं से परे है। ये शक्तियाँ उन्हें प्राप्त होती है जिनका परमात्मा तक कुछ विशेष पहुँच या संबंध होता है।





Para 14.
 Some of the immediate and brilliant result of modern inventions are too maddening to resist. But I have no manner of doubt that the victory of man lies in that resistance. We are in danger of bartering away the permanent good for a momentary pleasure.




Para 14. 
आधुनिक अविष्कार के कुछ तात्कालिक और शानदार परिणाम ऐसे पागल कर देने वाले हैं की खुद को रोकना मुश्किल होता है। लेकिन मुझे इसमें कोई शक नहीं की इंसान की जीत उन इच्छाओं को रोकने में है। हम पल भर की ख़ुशी के लिए स्थाई कल्याण से समझौता कर रहे हैं।




Para 15. Just as in the West they have made wonderful discoveries in things material, similarly Hinduism has made still more marvellous discoveries in things of religion, of the spirit, of the soul.




Para 15. जिस प्रकार पश्चिम ने भौतिकता के क्षेत्र में अद्भुत खोज किया उसी प्रकार हिन्दुत्व ने भी धर्म, विचारधारा एवं आत्मा के रूप में कहीं अधिक शानदार उपलब्धि हासिल की है।





Para 16. But we have no eye for these great and fine discoveries. We are dazzled by the material progress that Western science has made. I am not enamoured of that progress. In fact, it almost seems as though God in His wisdom has prevented India from progressing along lines, so that it might fulfil its special mission of resisting the onrush of materialism.















Para 16.
 लेकिन हमारे पास इन महान उपलब्धियों को देखने के लिए आँखें नहीं हैं। हम पश्चिमी विज्ञानं की भौतिकवादी तरक़्क़ीयों को देखकर चौंधिया गए हैं। मैं उन प्रगतियों पर फ़िदा नहीं हुआ हूँ। दर असल, ऐसा लगता है की ईश्वर ने खुद ही भारत को इससे रोका है ताकि यह भौतिक तरक़्क़ी के प्रवाह को रोकने के अपने लक्ष्य में कामयाब हो सके।





Para 17
. After all, there is something in Hinduism that has kept it alive up till now. It has witnessed the fall of Babylonian, Syrian, Persian and Egyptian civilizations. Cast a look around you. Where is Rome and where is Greece? Can you find today anywhere the Italy of Gibbon, or rather the ancient Rome, for Rome was Italy?







Para 17. 
आखिरकार हिन्दुत्व में कुछ ऐसा ज़रूर है जिसने इस सभ्यता को अबतक ज़िंदा रखा हुआ है। इसके सामने ही बेबीलोन, सीरिया, फारस और मिस्र की सभ्यताएँ ख़त्म हो गई। अपने चारों तरफ नज़र दौड़ाओ ना तो रोमन सभ्यता दिखती है और ना ही यूनानी सभ्यता । क्या तुम अब कहीं Gibbon के इटली को देखते हो, या फिर पुराने रोम को ही। वैसे रोम ही अब इटली हो गया है।








Gibbon इनका पूरा नाम Edward Gibbon है। इनका संबंध England से है। वह England के एक सांसद थे साथ ही वह एक इतिहासकार भी थे और उन्होंने रोमन साम्राज्य पर एक बहुत प्रसिद्ध पुस्तक लिखी है जिसका नाम है- The Decline and Fall of Roman Empire. रोम आज इटली की राजधानी है।







Para 18. 
Go to Greece. Where is the world-famous Attic civilization? Then coming to India, let one go through the most ancient records and then look around you and you would be constrained to say, "yes, I see here ancient India still living".






Para 18. यूनान जाओ। कहाँ गयी वो एथेंस की विश्व प्रसिद्ध सभ्यता । फिर भारत आओ, और यहाँ की प्राचीन सभ्यता को देखने के बाद आज के भारत पर नज़र दौड़ाओ। तुम कहने को मजबूर हो जाओगे की - हाँ, मैं यहाँ आज भी पुराने भारत को जिंदा देख रहा हूँ।












Attic Civilization- यह यूनान की पुरानी सभ्यता है। Attic यूनान की उस समय की भाषा भी जब यूनान सीमा चरम पर था।






Para 19. 
True, there were dung heaps, too, here and there, but there are rich treasures buried under them. And the reason why it has survived is that the end which Hinduism set before it was not development along material but spiritual lines.







Para 19. सच है की यहाँ जहाँ तहाँ गोबर के ढेर हैं लेकिन उसमें अनमोल खजाना छुपा हुआ है और इस सभ्यता के अबतक जीवित रहने का कारण यही है की हिन्दुत्वा ने भौतिकता को नहीं बल्कि आध्यात्मिक/ रूहानी शक्ति को बढ़ावा दिया है।






Para 20. Our civilization, our culture, our Swaraj depend not upon multiplying our wants self-indulgence, but upon restricting wants- self denial.







Para 20. हमारी सभ्यता हमारी संस्कृति हमारा स्वराज हमारी इच्छाओं के बढ़ाने अर्थात स्वःभोग पर नहीं बल्कि हमारी इच्छाओं के प्रतिबंध यानी आत्म- त्याग पर निर्भर करता है।







Self-denial & Self-indulgence अपनी इच्छाओं को एक सीमा में रखना उसे दबाते रहना Self denial कहलाता है। जबकि उसे तृप्त करते रहना तथा हमेशा और और की इच्छा रखना Self indulgence कहलाता है।







Para 21. European civilization is, no doubt, suited for the European but it will mean ruin for India if we endeavour to copy it.This is not to say that we may not adopt and assimilate whatever may be good and capable of assimilation by us, as it does not also mean that even the European will not have to part with whatever evil might have crept into it.










Para 21. यूरोपीय सभ्यता के बारे में कोई शक नहीं है की यह यूरोपवासियों के लिए अनुकूल है पर अगर हम उसकी नकल करेंगे तो हम बर्बाद हो जाएंगे। अब ऐसा भी नहीं है की अच्छी चीज़ों को भी हम अपना नहीं सकते और इसका मतलब यह भी नहीं है कि यूरोपीय लोगों के अंदर कोई बुराई समा जाए तो वे इसे दूर ना करें ।





Para 22. 
The incessant search for material comforts and their multiplication is such an evil and I make bold to say that the Europeans themselves will have to remodel their outlook, if they are not to perish under the weight of the comforts to which they are becoming slaves. It may be that my reading is wrong, but I know that for India to run after the Golden Fleece is to court certain death. Let us engrave on our hearts the motto of a Western philosopher: "Plain living and high thinking". Today it is certain that the millions cannot have high living and we the few, who profess to do the thinking for the masses, run the risk, in a vain search after high living, of missing high thinking.







Para 22. 
भौतिक सुख के लिए इस तरह लगातार इसकी तलाश में रहना इतना बुरा है की मैं यह बात बेबाकी से कह सकता हूँ की यूरोपवासी को भी अपने नज़रिये में परिवर्तन लाना होगा, क्योंकि वे खुद ही इस सुख के तले दबकर तबाह हो जाएंगे। हो सकता है की मैं ग़लत कह रहा हूँ, लेकिन मैं जानता हूँ की भारत अगर इस सेराब / मृग तृष्णा के पीछे बागे तो मौत निश्चित है। चलो हम एक पश्चिमी दार्शनिक के इस बात को अपने इस दिल में बिठा लें की हमें सादा जीवन उच्च विचार के आदर्श पर चलना है। आज यह तो निश्चित है लाखों लोगों का जीवन स्तर उच्च नहीं हो सकता है और हम में से कुछ लोग जो जनता के बारे में सोचते हैं ऊँचे जीवन की खोज में ऊँचे विचारों को भूल जाते हैं।








The Golden Fleece - यहां यह एक अंग्रेजी मुहावरा है जिसका अर्थ है एक मुश्किल काम । इसके पीछे यूनान की कहानी है जिसमें जेसन नाम के राजकुमार को अपनी राजगद्दी पाने के लिए सुनहरा ऊन हासिल करना होता है और चूँकि यह बहुत जोखिम भरा काम होता है इसलिए तब से यह एक मुहावरा ही बन गया ।






Para 23. 
Civilization, in the real sense of the term, consists not in the multiplication, but in the deliberate and voluntary restriction of wants. This alone increase and promotes contentment, real happiness and capacity for service.







Para 23.
 सभ्यता, दरअसल, अगर सच पूछा जाए तो यह ख्वाहिशों को बढ़ाने का नहीं बल्कि रोकने का नाम है। केवल इस से ही संतुष्टि सच्ची खुशी एवं सेवा की भावना का विस्तार हो सकता है।






Para 24.
 A certain degree of physical harmony and comfort is necessary but above a certain level it becomes a hindrance instead of help. Therefore, the ideal of creating an unlimited number of wants and satisfying them seems to be a delusion and a snare. The satisfaction of one's physical needs, even the intellectual needs of one's narrow self, must meet at a certain point a dead stop, before it degenerates into physical and intellectual voluptuousness. A man must arrange his physical and cultural circumstances so that they do not hinder him in his service of humanity on which all his energies should be concentrated. 



Para 24
. कुछ हद तक भौतिक संगती एवं सहूलत ठीक है लेकिन यदि उस से आगे बढ़ा जाए तो यह आराम की बजाए परेशानी का कारण बन जाती है। इसलिए बहुत सारी इच्छाएं रखना एवं उसको पूरा करते रहने का विचार एक वहम मालुम पड़ता है। शारीरिक आवश्यकता हो, या किसी की बौद्धिक आवश्यकता हो उसे एक ख़ास बिंदु पर रुक जाना चाहिए इस से पहले की यह शारीरिक एवं बौद्धिक विलासिता के रूप में भ्रष्ट हो जाए, ताकि वह अपने शारीरिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों को इस तरह से व्यवस्थित करे की उसे मानवता की सेवा करने में रुकावट न आए और जहाँ वह अपनी सारी ऊर्जा लगा सके।
                                                                                                                                                               
                Vocabulary               




Evolved विकसित 
Ancestors - पूर्वज
Greece -यूनान 
Fate भाग्य 
Pharaohs- फिरऔन 
Pitiable दयनीय
Immovable अचल
Glory- महिमा 
Charge इल्जाम
 Ignorant अनपढ़
 Stolid - जिद्दी
Induce मनाना
Anvil- निहाई/सिन्दान 
Thrust-थोपना
Sheet anchor आखरी उम्मीद
Mode of Conduct चरित्र का पहलू
 Point Out बताना
 Convertible- बदलने योग्य 
Indulge लिप्त होना
Unbridled- अनियंत्रित
 Dissuaded रोका
 Luxuries -सुख-सुविधा
Retain - जारी रखना
Brute हैवान
 Unadulterated शुद्ध
 Triumph- जीत 
Sphere जगह
 Distinguishing खास 
Imperative- जरूरी 
Insatiableness- संतुष्टि
 Divinity दैवीय 
Restraint रोकथाम
Divine Power- दैवीय ताकत
 Bartering- अदला-बदली करना
 Spirit आत्मा / भावना
 Dazzled चौंधिया जाना 
Enamoured- मोहित
Onrush - आक्रमण 
Witnessed- गवाही देना
Fall पतन
Cast - नजर दौड़ाना
Gibbon- एक अंग्रेजी इतिहासकार का नाम
Attic यूनान का
Constrained मजबूर
Dung heaps - गोबर के ढेर
Treasure- खजाना
Survive - जिंदा रहना
Indigenous- घरेलू
Life-corroding- जिंदगी को बर्बाद कर देने वाली
Moral fibre - नैतिक शक्ति
Deliberation- विचार-विमर्श
Reasoned- तर्क-संगत / मुनासिब
Snare -फंदा 
Encumbrance- बोझ
Vice- पाप
Flourishing परवान चढ़ना
 Inferior मामूली 
Tolerably-ठीक-ठाक
Tout दलाल
Lure- लालच देना
 Noticeable दिखता था 
Votaries- योगी
Tendency-uqft Elevate- बढ़ावा देना 
Propagate- बढ़ावा देना 
Behoves - ज़रूरी होना
 Cling - चिपकना
Shun दूर रहना
Spiritual - आध्यात्मिक
Ruin- बर्बाद
Endeavour कोशिश 
Assimilate आत्मसात
Crept समा जाना
Incessant लगातार
Remodel- फिर से तैयार करना
Outlook - नजरिया / दृष्टिकोण 
Perish - बरबाद हो जाना
The Golden Fleece- एक मुश्किल चीज
 Engrave- बैठा लेना 
Motto- सिद्धांत
Profess कबूल करना
Contentment- सब्र / संतोष
Hindrance रुकावट
Delusion - भ्रम / वहम 
Degenerate- बिगड़ना
 Voluptuousness- विलासिता 
Circumstance- परिस्थिति 
Hinder बाधा
......................................................................            OBJECTIVE QUESTION    1MARKS 
1. Who has written 'Indian Civilization
and culture'?
(a.)Zakir Hussain 
(b.)Mahatma Gandhi
(c.)Anton Chekhov
(d.)Manohar Malgaonkar
Ans: b
2. Which type of prose piece is 'Indian civilization and culture'?
(a.)story
(b.)speech
(c.)essay 
(d.)drama
Ans:c
3. What was that our ancestors satisfied
with?
 (a)City
(b)town
(c)village
(d)province
Ans:c
4. Who wrote the famous book 'The decline and fall of Roman empire"?
 (a.)Mahatma Gandhi 
(b.)Edward Gibbon
 (c.)Jonathan Swift
(d)William Shakespeare
Ans:b
5. Civilization is that mode of conduct which points out to man the path of
........
(a.)help
(b.)work
(c.)duty
(d.) need
Ans: c
6. The glory of India is that it remains
.........
(a.) movable
(b.)Glorious
(c.)Immovable
(d.)beautiful
Ans:c
7.Who were 'Pharaohs'?
(a.)emperors of Egypt 
(b.)emperors of Rome
 (c.) emperors of Japan 
(d.)emperors of Greece
Ans:a
8. What does the Gujarati equivalent
for civilization mean?
 (a.)good behaviour
(b.)good manners
 (c.)good conduct
(d.)good character
Ans: c
9.In the word of Gandhi mind is a........ (a.)restless book
(b.)restless bird 
(c.)restless body
(d.)restless bunny
Ans: b
10. Indian civilization worships................. (a.)character 
(b.)immorality 
(c.)good conduct
 (d.)morality
Ans : d
11. What does the western civilization propagate ?
(a.)immorality 
(b.)morality
(c.)mortality
(d.)mentality
Ans : a
12. Happiness is largely a
 (a.)mental condition
(b.)physical condition
(c.)disease
(d.)imagination
Ans: a
13.Sacrifice is the sole aim of our
(a.)philosopher
(b.)farmers
(c.)rishis
(d.)scientist
Ans :c
14.European civilization will mean .....
for India
(a.)want 
(b.)living
 (c.)real 
(d.)ruin
Ans: d
15.To observe morality is to attain
mastery over
(a.)economics growth 
(b.)political ability
(c.)minds and passion
(d.)  Arts 

Ans:c






16. Attic civilization belong to............
(a.)China
(b.)Rome
(c.)India
(d.)Greece
Ans: d
17. What does 'The golden Fleece' mean?
(a.)Difficult to find
(b.)Easy to get
(c.)A new thing
(d.)A lovely object
Ans: a
18.Hinduism has made marvellous
discoveries in things of religion, spirit
and ............
 (a.)Passion
 (b.) soul
 (c.) love 
(d.)Unity
Ans; b
19. We should not try to assimilate
(a.)Indian civilization
(b.)American civilization
(c.)Western civilization
(d.)German civilization
Ans: c
20. The tendency of Indian Civilization is to elevate
(a.)immorality 
(b.)partiality
(c.)moral being
 (d.)dishonesty
Ans : c
21.In ancient days the common people enjoyed
(a.)Courts rule
(b.)slavery
(c.)true home rule
(d.)foreign rule
Ans : c
22. Who says that mond is a restless bird?
(a)Jonathan Swift
(b)Edward Gibbon
(C) Dr. Zakir Hussain 
 (d) Mahatma Gandhi 
Ans d
(23.) We have   ........many things from the best.
(a)borrowed
 (b)assimilated
 (c)received 
(d)adopted
Ans a
24.There is something in Hinduism which has .......it alive till now.
(a)kept 
(b)keeping 
(c)done
 (d)keep
Ans a
25. Our ancestors dissuaded us from
(a)luxuries and pleasures
(b)morality 
(c)spirituality
 (d)politics
Ans a
26.Our forefathers saw that kings and their swords were inferior to the swords of.................
(a)democracy
(b)anarchy
(c)politics
(d)ethics
Ans d
27.The mind is restless bird which always remains ..............
(a)hungry
(b)thirsty 
(c)sick
(d)unsatisfied
Ans :d
28. We are in danger of bartering away the permanent good for a ................ pleasure.
(a)unitary
(b)permanently
(c)momentary
(d)satisfactory
Ans: c
29. The people of Europe are inspired . and Roman writers.

(a)Indian
(b)German
(c)British
(c)Dr. Zakir Hussain 
(d)Mahatma Gandhi
Ans d



(30.)The mind is a restless bird the more it gets the more it ......
(a) wants
(b)wishes
(c)desires 
(d)thinks
Ans a
31. Above a certain level physical
harmony becomes a ................ instead of
help.
(a)fashion
 (b)passion
 (c)hindrance
(d)burden
Ans c
32. Which of the following is the motto
of a western philosopher?
 (a)honesty is the best policy
(b)plain living and high thinking 
(c)health is wealth
(d)Beggars can't be choosers
Ans :b
33.Which Civilization is not to be beaten in the world?
(a) Western
(b)Chinese
(c)Indian
 (d)Greek
Ans c
34. Modern Civilization is based on
(a)Non Violence
(b)communalism 
(c)Materialism
(d)absolutism

Ans:c
35.Machinery makes us slaves and as a result we lose our ............
(a) Ideology
(b)Character 
(c)Own strength
(d)Moral fibre
Ans d
36. The charge against India is that her people are......
(a)uncivilized, stupid and illiterate (b)illitrate,uncivilzed and characterless
(c)uncivilized, ignorant and stolid
(d)ignorant, obstinate and stupid
Ans c










                                                              
                  ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।



OBJECTIVE
Previous Year Questions
1.Our ancestors enjoyed rule.(Asked in 2018)
(a.)noble
(b.)home
(c.)fine
(d.)good
Ans: b





2. Gibbon is associated with .....
(Asked in 2018)
(a.)Russia
(b.)Italy
(c.)Sweden
(d.)America




Ans:b
3.European civilization will
mean................for India. (Asked in 2018)
(a.)living
(b.)want
(c.)real
(d.)ruin






Ans d
4. ......are rulers of ancient Egypt. 
(Asked in 2018)
(a.)Africans
(b.)Iranians
(c.)Pharaohs
(d.)Americans






Ans: d
5.Our forefathers did not invent machinery because .....( asked  in 2019,2020)
(a) they knew we would become slaves.
 (b) they knew we would be happy.
(c) they did not like to see us comfortable. 
(d) they were jealous of us.







Ans a
6. The sentence 'After all, there is something in Hinduism that has kept it alive up till now' is taken from
.....(Asked in 2019,2020)
(a.) Indian civilization and culture
 (b.)The Earth
(c.)Artist
(d.) I have a Dream








Ans a
7....were satisfied with small villages. (Asked in 2020)
 (a) Old people
(b) Our ancestors
(c) Youth
(d) Adults







Ans b
8.The Gujarati equivalent for civilization means. (Asked in 2021) 
(a) bad conduct
(b) intelligent conduct 
(c) good conduct
(d) delightful conduct








Ans c
9. Some of the immediate and brilliant results of modern inventions are too maddening to resist.' Is from(Asked in 2021)
(a) Bharat is My Home
(b) A Pinch of Snuff
(c) Indian Civilization and Culture
 (d) Ideas That Have Helped Mankind 







Ans:c
10. Civilization is that mode of conduct which points out to man the path of duty." is from (Asked in 2021) 
(a) Indian Civilization and Culture 
(b) A Child is Born
(c) A Marriage Proposal
(d) Bharat is My Home







Ans a
11. "The more we indulge in our passions, the more unbridled they become" is taken from (Asked in 2021) 
(a.)A child is Born
(b.)Indian Civilization and culture 
(c.) Bharat is my Home
(d.)How free is the press







Ans:b
12. Indian remains immovable and that
is her... (Asked in 2021)
(a.)power
 (b.)glory 
(c.)honesty
(d.)independence






Ans:b
13. "I am thankful to the west for many a thing I have learnt from western literature" is taken from ...... (Asked in 2022)
(a.) Indian civilization and culture
(b.) I have a dream
(c.) Bharat is my home
(d.) The earth








Ans:a
14. which nation has been called the young stage of ancient people? (Asked
in 2022)
(a.) India
(b.) China
(c.) Pakistan
(d.) Iran











Ans:c
15. "observing all this, our ancestors dissuaded us from luxuries and pleasures. " is from.......... (Asked in 2022)
(a.) A Pinch of Snuff
(b.) The Earth
(c.) Indian civilization and culture 
(d.) India through a traveller's eye
Ans:c

                                                                                                                                                                
Write the Summary "Indian civilization and culture (5marks)

Ans:-  'Indian Civilization and Culture' is an essay written by Mahatma Gandhi. He was a great freedom fighter. This essay has been taken from his autobiography 'My Experiment with Truth' where he has compared Indian Civilization to the Western Civilization. 






          He says that all the great civilizations of the world lost its existence, but India is still alive and it's her glory. So, we should cling to our own civilization. If we want to be happy, we should learn to control our desires.
         





  If the West has done maddening inventions we also have taught the world the lesson of unity, integrity, soul and religion. We don't hate west but we should not try to copy it. We worship morality whereas they worship immorality.
       





   Both these civilizations are good in their own spheres. But it's clear that the modern civilization is the worship of materialism. And our forefathers have taught us to believe in our own hands and feet. we should not forget those values. And we should try to revive our own civilization.
      




  Finally, this is an awesome work of Gandhi where he has beautifully explained the merits of two civilization and advised Indian to adopt our own civilization.
अनुवाद
‘Indian Civilization and Culture' महात्मा गाँधी के द्वारा लिखा गया एक लेख है। वह एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे। यह लेख उनकी आत्मकथा 'My Experiment With Truth' से लिया गया है जिसमें उन्होंने भारतीय एवं पश्चिमी सभ्यता की तुलना की है ।




      कहते हैं की दुनिया की सारी सभ्यताएँ मिट गयीं पर भारत अभी भी जिंदा है और यह इसकी खूबसूरती है। इसलिए हमें अपनी ही सभ्यता को गले लगाना चाहिए। अगर हम खुश रहना चाहते हैं तो हमें अपनी ख्वाहिशों पर लगाम लगाना होगा







अगर पश्चिम ने हैरान कर देने वाले अविष्कार किये हैं तो हमने भी विश्व को एकता, अखंडता, धर्म और आत्मा का सबक पढ़ाया है। हम पश्चिम से नफरत नहीं करते पर हमें इसकी नकल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए । हमलोग नैतिकता को पूजने वाले लोग हैं जबकि वे लोग अनैतिकता के ज्यादा करीब हैं।







दोनों सभ्यताएँ अपनी-अपनी जगह सही हैं लेकिन यह साफ है की पश्चिमी सभ्यता वस्तुओं की पूजा है। और हमें हमारे पूर्वजों ने अपने हाथ-पैर पर विश्वास करना सिखाया है। हमें उन आदर्शों को भूलना नहीं चाहिए। और कोशिश करनी चाहिए की हम अपनी सभ्यता को जिंदा रखें।







अंततः यह गाँधी का एक शानदार लेख है जहाँ उन्होंने बड़ी सुंदरता से दोनों सभ्यताओं की तुलना की है और भारतीयों को अपनी खुद की सभ्यता को गले लगाने को कहा है
                                                                               
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
Important lines (4marks)



1. We notice that mind is a restless bird the more it gets the more it wants.... 








 Ans:-'The given statement has been taken from the essay "Indian civilization and culture" written by Mahatma Gandhi. By this statement, he is trying to say two things at the same time. Firstly, he talks about the endless desire of a man at the same time he reminds the simple living of our ancestors. A man is really like a restless bird. He travels an endless journey with his desire throughout his life but never gets satisfaction. That's why Gandhi reminds us the way that our ancestors lived a simple living like them.










2. A man is not necessarily happy because he is rich or unhappy because he is poor. The rich are often seen to be unhappy, the poor to be happy.










Ans:__The given statement has been taken from the essay “Indian civilization and culture” written by Mahatma Gandhi. By this statement, Gandhi Ji wants to say that happiness is not an economic factor. It can sit in anyone's lap. It is not necessary that the rich will be happy and the poor will be unhappy. It is often seen that the rich are unhappy, but the poor are happy. So, the real happiness lies in the limitation of wants and to shun from luxuries. That's why our ancestor dissuaded us from luxuries and pleasures.








3. I believe that the civilization India has evolved is not to be beaten in the world














 Ans:___The given statement has been taken from the essay 'Indian civilization and Culture' written by Mahatma Gandhi. By this statement he has tried to convince that our Indian civilization is superior to all the other civilizations of the world. As today we could not find the footprints of other great civilizations like Rome, Egypt and Greece but we can see our Indian civilization alive today. It's her glory, it's her beauty. Even today it is standing with all its values and growing with the same pace as it held in past. 











4.The common people lived independently and followed their agriculture occupation (Asked in 2020)








Ans:   The above mentioned piece has been taken from 'Indian civilization and culture'. In this line Gandhiji mainly wants to focus on two different things. The first that our forefathers preferred to live in village and they lived there independently i.e- without any fear. And the second that the regular occupation that they adopted was agriculture.








5.In no part of the world, and under no Civilization have all men attend perfection. (Asked in 2020)










Ans:  This extract has been taken from ‘Indian civilization and culture' written by Mahatma Gandhi. This extract talks that no any civilization of the world is perfect. All civilizations of the world have its Merit and demerits. And the people living under that Civilization also experience is the same. On some point they may have some challenge.











6.Observing all this, our ancestors dissuaded us from luxuries and pleasures. (Asked in 2022)










Ans    The above mentioned line has been taken from 'Indian civilization and culture'. Through this line Gandhiji wants to tell us that our ancestors bluntly told that there is no relation between wealth and happiness. They saw that millions of the rich are often seen to be unhappy and the poor to be happy .So, they kept us away from luxuries and pleasures and persuade us to rely on our hands and feet.
                                                                                                                                                                Short question answer (2marks)










1. What is civilization in real sense of term?(Asked in 2018,2020)








Ans. In the words of Gandhiji,,Civilization is that mode of conduct which points out to man the path of duty. If we talk about the real sense then it is actually the curb of our desire. It is the way of living which we got from our ancestors.






2.Why did Our ancestors dissuaded us from luxuries and pleasure? (Asked in 2019)






 Ans.Our forefathers dissuaded us from luxuries and pleasure because they knew that if we run after these absurd things, we would lose our moral fibre. We would become slaves we would become immoral.







3. What was the great lesson that India had to teach the west? (Asked in 2019)





Ans. The great lesson that India had to teach the waste were the lessons of Unity, integrity religion, soul and spirit.





4.How does Mahatma Gandhi want his countrymen to deal with modern Civilization ?(Asked in 2021)






Ans. Gandhiji says that I have spent a long time in Europe with modern civilization and there is no doubt that I have learned a lot from it. If you like something from western civilization, you can adopt it. But if it comes to culture, you have to cling to your own civilization like a child clings to the mother's breast. He says that I have learnt one lesson from it and that is that we must shun it at all costs.






5. What does our Civilization depend upon? (Asked in 2021)




Ans. Our Indian civilization depends upon self-denial. The main trait of our civilization is to curtail our wants. Also the strict regulation of these wants is necessary.





हमारे मेथड निराश दिल मे भी  आश पैदा करता है यह सभी के दिलों में विश्वास पैदा करता है।अरे high speed  की बात तो साधारण है, हमारा मैथर्ड तो  खतरनाक   से खतरनाक topic  को भी आसन करता है।







" हमको मिटा दे यह जमाने में दम नहीं, जमाना हमसे है जमाने से हम
इसी तरह का स्पेशल notes लेने  के लिए हमारे website पर एक बार read करे। कोई क्वेश्चन में डॉट हो तो हमें मैसेज कीजिए या कॉल कीजिए